Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.12।। व्याख्या -- अध्यात्मज्ञाननित्यत्वम् -- सम्पूर्ण शास्त्रोंका तात्पर्य मनुष्यको परमात्माकी तरफ लगानेमें? परमात्मप्राप्ति …
Bhgavad Gita 13.11
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.11।। व्याख्या -- मयि चानन्ययोगेन भक्तिरव्यभिचारिणी -- संसारका आश्रय लेनेके कारण साधकका देहाभिमान बना रहता है। यह देहाभिमान …
Bhagavad Gita 13.10
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.10।। व्याख्या -- असक्तिः -- उत्पन्न होनेवाली (सांसारिक) वस्तु? व्यक्ति? घटना? परिस्थिति आदिमें जो प्रियता है? उसको सक्ति कहते …
Bhagvad Gita 13.9
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.9।। व्याख्या -- इन्द्रियार्थेषु वैराग्यम् -- लोकपरलोकके शब्दादि समस्त विषयोंमें इन्द्रियोंका खिंचाव न होना ही इन्द्रियोंके …
Bhagavad Gita 13.8
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.8।। व्याख्या -- अमानित्वम् -- अपनेमें मानीपनके अभावका नाम अमानित्व है। वर्ण? आश्रम? योग्यता? विद्या? गुण? पद आदिको लेकर अपनेमें …
Bhagavad Gita 13.7
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.7।। व्याख्या -- इच्छा -- अमुक वस्तु? व्यक्ति? परिस्थिति आदि मिले -- ऐसी जो मनमें चाहना रहती है? उसको इच्छा कहते हैं। क्षेत्रके …
Bhagavad Gita 13.6
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.6।। व्याख्या -- अव्यक्तमेव च -- अव्यक्त नाम मूल प्रकृतिका है। मूल प्रकृति समष्टि बुद्धिका कारण होनेसे और स्वयं किसीका भी कार्य न …
Bhagavad Gita 13.5
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.5।। व्याख्या -- ऋषिभिर्बहुधा गीतम् -- वैदिक मन्त्रोंके द्रष्टा तथा शास्त्रों? स्मृतियों और पुराणोंके रचयिता ऋषियोंने अपनेअपने …
Bhagavad Gita 13.4
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.4।। व्याख्या -- तत्क्षेत्रम् -- तत् शब्द दोका वाचक होता है -- पहले कहे हुए विषयका और दूरीका। इसी अध्यायके पहले श्लोकमें …
Bhagavad Gita 13.2
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.2।। व्याख्या -- इदं शरीरं कौन्तेय क्षेत्रमित्यभिधीयते -- मनुष्य यह पशु है? यह पक्षी है? यह वृक्ष है आदिआदि भौतिक चीजोंको इदंतासे …
Bhagavad Gita 13.1
Bhagavad Gita, Chapter 13
Ranka and Banka
पण्ढरपुरमें लक्ष्मीदत्त नामके एक ऋग्वेदी ब्राह्मण रहते थे। ये संतोंकी बड़े प्रेमसे सेवा किया करते थे। एक बार इनके यहाँ साक्षात् नारायण संतरूपसे पधारे और आशीर्वाद दे गये कि तुम्हारे यहाँ एक परम विरक्त …
Visoba Saraf
पण्ढरपुरसे पचास कोसपर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहींपर यजुर्वेदी ब्राह्मणकुलमें विसोबाका जन्म हुआ था। सराफीका काम करनेके कारण ये सराफ कहे जाते थे। विसोबाके घरमें साध्वी पत्नी और चार …
Bhagavad Gita 12.20
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।12.20।। व्याख्या -- ये तु -- यहाँ ये पदसे भगवान्ने उन साधक भक्तोंका संकेत किया है? जिनके विषयमें अर्जुनने पहले श्लोकमें …