Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.14।। व्याख्या --'सर्वमेतदृतं मन्ये यन्मां वदसि केशव '-- क नाम ब्रह्माका है, 'अ' नाम विष्णुका है, 'ईश' नाम शंकरका है और 'व' नाम वपु अर्थात् …
Bhagavad Gita 10.13
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.13।। व्याख्या --'परं ब्रह्म परं धाम पवित्रं परमं भवान्'-- अपने सामने बैठे हुए भगवान्की स्तुति करते हुए अर्जुन कहते हैं कि मेरे पूछनेपर जिसको आपने …
Bhagavad Gita 10.12
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.12।। व्याख्या --'परं ब्रह्म परं धाम पवित्रं परमं भवान्'-- अपने सामने बैठे हुए भगवान्की स्तुति करते हुए अर्जुन कहते हैं कि मेरे पूछनेपर जिसको आपने …
Bhagvad Gita 10.11
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.11।। व्याख्या--'तेषामेवानुकम्पार्थमहमज्ञानजं तमः'--उन भक्तोंके हृदयमें कुछ भी सांसारिक इच्छा नहीं, होती। इतना ही नहीं, उनके भीतर मुझे छोड़कर …
Bhagavad Gita 10.18
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.18।। व्याख्या--'विस्तरेणात्मनो योगं विभूतिं च जनार्दन'--भगवान्ने सातवें और नवें अध्यायमें ज्ञानविज्ञानका विषय खूब कह दिया। इतना कहनेपर भी उनकी तृप्ति …
Bhagavad Gita 10.10
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.10।। व्याख्या --[भगवन्निष्ठ भक्त भगवान्को छोड़कर न तो समता चाहते हैं, न तत्त्वज्ञान चाहते हैं तथा न और ही कुछ चाहते हैं (टिप्पणी प0 546.3)। …