सर्वकर्माणि मनसा संन्यस्यास्ते सुखं वशी ।नवद्वारे पुरे देही नैव कुर्वन्न कारयन् ॥13॥ sarvakarmāṇi manasā saṃnyasyāste sukhaṃ vaśīnavadvāre pure dehī naiva kurvanna kārayan sarva = …
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Voice of Vivekananda
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सर्वकर्माणि मनसा संन्यस्यास्ते सुखं वशी ।नवद्वारे पुरे देही नैव कुर्वन्न कारयन् ॥13॥ sarvakarmāṇi manasā saṃnyasyāste sukhaṃ vaśīnavadvāre pure dehī naiva kurvanna kārayan sarva = …
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Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।18.65।। व्याख्या -- मद्भक्तः -- साधकको सबसे पहले मैं भगवान्का हूँ इस प्रकार अपनी अहंता(मैंपन) को बदल देना चाहिये। कारण कि बिना …
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Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।18.64।। व्याख्या -- सर्वगुह्यतमं भूयः श्रुणु मे परमं वचः -- पहले तिरसठवें श्लोकमें भगवान्ने गुह्य (कर्मयोगकी) और गुह्यतर …
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Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।18.63।। व्याख्या -- इति ते ज्ञानमाख्यातं गुह्याद्गुह्यतरं मया -- पूर्वश्लोकमें सर्वव्यापक अन्तर्यामी परमात्माकी जो शरणागति बतायी …
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Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।18.62।। व्याख्या -- [मनुष्यमें प्रायः यह एक कमजोरी रहती है कि जब उसके सामने संतमहापुरुष विद्यमान रहते हैं? तब उसका उनपर श्रद्धाविश्वास एवं …
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Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।18.61।। व्याख्या -- ईश्वरः सर्वभूतानां ৷৷. यन्त्रारूढानि मायया -- इसका तात्पर्य यह है कि जो ईश्वर सबका शासक? नियामक? सबका भरणपोषण …