Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।17.23।। व्याख्या -- तत्सदिति निर्देशो ब्रह्मणस्त्रिविधः स्मृतः -- ? तत् और सत् -- यह तीन प्रकारका परमात्माका निर्देश है अर्थात् …
Bhagavad Gita 17.22
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।17.22।। व्याख्या -- असत्कृतमवज्ञातम् -- तामस दान असत्कार और अवज्ञापूर्वक दिया जाता है जैसे -- तामस मनुष्यके पास कभी दान लेनेके लिये …
Bhagavad Gita 4.24 – Brahmarpanam Brahma Havir
ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना ॥24॥ brahmārpaṇaṃ brahma havirbrahmāgnau brahmaṇā hutambrahmaiva tena gantavyaṃ …
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Bhagavad Gita 4.8 – Paritrāṇāya Sādhūnāṃ
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥8॥ paritrāṇāya sādhūnāṃ vināśāya ca duṣkṛtāmdharmasaṃsthāpanārthāya sambhavāmi yuge yuge paritrāṇāya = for …
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Bhagavad Gita 17.21
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।17.21।। व्याख्या -- यत्तु प्रत्युपकारार्थम् -- राजस दान प्रत्युपकारके लिये दिया जाता है जैसे -- राजस पुरुष किसी विशेष अवसरपर दानकी …
Bhagavad Gita 17.20
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।17.20।। व्याख्या -- इस श्लोकमें दानके दो विभाग हैं --,(1) दातव्यमिति यद्दानं दीयते अनुपकारिणे और (2) देशे काले च पात्रे …