राजयोग का यह संक्षिप्त विवरण कूर्मपुराण के एकादश अध्याय का मुक्त्त अनुवाद है : योगाग्नि मनुष्य के पापपिंजर को दग्ध कर देती है। तब सत्त्वशुद्धि होती है और साक्षात् निर्वाण की प्राप्ति होती है। योग …
Continue Reading about संक्षिप्त राजयोग – स्वामी विवेकानन्द →