चोखा मेळा महार जातिके थे। मंगलवेढ़ा नामक स्थानमें रहते थे। बस्तीसे मरे हुए जानवर उठा ले जाना ही इनका धंधा था। बचपनसे ही ये बड़े सरल और धर्मभीरु थे। श्रीविठ्ठलजीके दर्शनोंके लिये बीच-बीचमें ये पण्ढरपुर …
Gora Kumbhar
श्रीज्ञानेश्वरकालीन संतोंमें वयस्में सबसे बड़े गोराजी कुम्हार थे। इनका जन्म तेरढोकी स्थानमें संवत् १३२४ में हुआ। इन्हें सब लोग 'चाचा' कहा करते थे। ये बड़े विरक्त, दृढ़ निश्चयी और ज्ञानी भक्त थे। इनकी …
Ranka and Banka
पण्ढरपुरमें लक्ष्मीदत्त नामके एक ऋग्वेदी ब्राह्मण रहते थे। ये संतोंकी बड़े प्रेमसे सेवा किया करते थे। एक बार इनके यहाँ साक्षात् नारायण संतरूपसे पधारे और आशीर्वाद दे गये कि तुम्हारे यहाँ एक परम विरक्त …
Visoba Saraf
पण्ढरपुरसे पचास कोसपर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहींपर यजुर्वेदी ब्राह्मणकुलमें विसोबाका जन्म हुआ था। सराफीका काम करनेके कारण ये सराफ कहे जाते थे। विसोबाके घरमें साध्वी पत्नी और चार …
Varkari Saints
Narahari Sonar
नरहरि सुनार रहनेवाले थे पण्ढरपुरके ही, पर थे शिवजीके भक्त-ऐसे भक्त जो कभी श्रीविठ्ठलजीके दर्शन ही नहीं करते थे। पण्ढरपुरमें रहकर भी कभी इन्होंने पण्ढरीनाथ श्रीपाण्डुरंगके दर्शन नहीं किये। शिवभक्तिका …