Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।8.3।। व्याख्या--'अक्षरं ब्रह्म परमम्'--परम अक्षरका नाम ब्रह्म है। यद्यपि गीतामें ब्रह्म शब्द प्रणव वेद प्रकृति आदिका वाचक भी आया है तथापि यहाँ ब्रह्म …
Bhagavad Gita 8.2
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।8.2।। व्याख्या--'पुरुषोत्तम किं तद्ब्रह्म'--हे पुरुषोत्तम वह ब्रह्म क्या है अर्थात् ब्रह्म शब्दसे क्या समझना चाहिये 'किमध्यात्मम्'--अध्यात्म शब्दसे …
Bhagavad Gita 8.1
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।8.1।। व्याख्या--'पुरुषोत्तम किं तद्ब्रह्म'-- हे पुरुषोत्तम वह ब्रह्म क्या है अर्थात् ब्रह्म शब्दसे क्या समझना …
Bhagavad Gita, Chapter 8
Bhagavad Gita 7.30
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।7.30।। व्याख्या--'साधिभूताधिदैवं मां साधियज्ञं च ये विदुः'--[पूर्वश्लोकमें निर्गुणनिराकारको जाननेका वर्णन करके अब सगुणसाकारको जाननेकी बात कहते हैं।]यहाँ …
Bhagavad Gita 7.29
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।7.29।। व्याख्या--'जरामरणमोक्षाय मामाश्रित्य यतन्ति ये'--यहाँ जरा (वृद्धावस्था) और मरणसे मुक्ति पानेका तात्पर्य यह नहीं है कि ब्रह्म अध्यात्म और कर्मका …