Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.29।। व्याख्या--'अनन्तश्चास्मि नागानाम्'--शेषनाग सम्पूर्ण नागोंके राजा हैं (टिप्पणी प0 560)। इनके एक हजार फण हैं। ये क्षीरसागरमें सदा …
Bhagavad Gita 10.28
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.28।। व्याख्या--'आयुधानामहं वज्रम्'--जिनसे युद्ध किया जाता है, उनको आयुध (अस्त्र-शस्त्र) कहते हैं। उन आयुधोंमें इन्द्रका वज्र मुख्य है। यह दधीचि ऋषिकी …
Bhagavad Gita 10.27
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.27।। व्याख्या--'उच्चैःश्रवसमश्वानां विद्धि माममृतोद्भवम्'--समुद्रमन्थनके समय प्रकट होनेवाले चौदह रत्नोंमें उच्चैःश्रवा घोड़ा भी एक रत्न है। यह …
Bhagavad Gita 10.26
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.26।। व्याख्या--'अश्वत्थः सर्ववृक्षाणाम्'--पीपल एक सौम्य वृक्ष है। इसके नीचे हरेक पेड़ लग जाता है, और यह पहाड़, मकानकी दीवार, छत आदि कठोर जगहपर भी पैदा …
Bhagavad Gita 10.25
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.25।। व्याख्या--'महर्षीणां भृगुरहम्'--भृगु, अत्रि, मरीचि आदि महर्षियोंमें भृगुजी बड़े भक्त, ज्ञानी और तेजस्वी हैं। इन्होंने ही ब्रह्मा, विष्णु और …
Bhagavad Gita 10.24
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.24।। व्याख्या--'पुरोधसां च मुख्यं मां विद्धि पार्थ बृहस्पतिम्'--संसारके सम्पूर्ण पुरोहितोंमें और विद्या-बुद्धिमें बृहस्पति श्रेष्ठ हैं। ये इन्द्रके …