Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।11.4।। व्याख्या--'प्रभो'-- 'प्रभु' नाम सर्वसमर्थका है, इसलिये इस सम्बोधनका भाव यह मालूम देता है कि यदि आप मेरेमें विराट्रूप देखनेकी सामर्थ्य मानते हैं, …
Bhagavad Gita 11.3
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।11.3।। व्याख्या --'पुरुषोत्तम'--यह सम्बोधन देनेका तात्पर्य है कि हे भगवन् !मेरी दृष्टिमें इस संसारमें आपके समान कोई उत्तम, श्रेष्ठ नहीं है अर्थात् आप ही …
Bhagavad Gita 11.2
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।11.2।। व्याख्या --भवाप्ययौ हि भूतानां त्वत्तः श्रुतौ विस्तरशो मया -- भगवान्ने पहले कहा था-- मैं सम्पूर्ण जगत्का प्रभव और प्रलय हूँ, मेरे सिवाय अन्य …
Bhagavad Gita 11.1
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।11.1।। व्याख्या--'मदनुग्रहाय'--मेरा भजन करनेवालोंपर कृपा करके मैं स्वयं उनके अज्ञानजन्य अन्धकारका नाश कर देता हूँ (गीता 10। 11) -- यह बात भगवान्ने केवल …
Bhagavad Gita, Chapter 11
Bhagavad Gita 10.42
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।10.42।। व्याख्या --'अथवा'--यह अव्यय-पद देकर भगवान् अर्जुनसे मानो यह कह रहे हैं कि तुमने जो प्रश्न किया था, उसके अनुसार मैंने उत्तर दिया ही है; अब मैं …