Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.17।। व्याख्या -- अविभक्तं च भूतेषु विभक्तमिव च स्थितम् -- इस त्रिलोकीमें देखने? सुनने और समझनेमें जितने भी स्थावरजङ्गम प्राणी …
Bhagavad Gita 13.16
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.16।। व्याख्या -- [ज्ञेय तत्त्वका वर्णन बारहवेंसे सत्रहवें श्लोकतक -- कुल छः श्लोकोंमें हुआ है। उनमेंसे यह पन्द्रहवाँ श्लोक चौथा है। इस …
Bhagavad Gita 13.15
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.15।। व्याख्या -- सर्वेन्द्रियगुणाभासं सर्वेन्द्रियविवर्जितम् -- पहले परमात्मा हैं? फिर परमात्माकी शक्ति प्रकृति है। प्रकृतिका …
Bhagavad Gita 13.14
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.14।। व्याख्या -- सर्वतः पाणिपादं तत् -- जैसे स्याहीमें सब जगह सब तरहकी लिपियाँ विद्यमान हैं अतः लेखक स्याहीसे सब तरहकी लिपियाँ …
Bhagavad Gita 13.13
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.13।। व्याख्या -- ज्ञेयं यत्तत्प्रवक्ष्यामि -- भगवान् यहाँ ज्ञेय तत्त्वके वर्णनका उपक्रम करते हुए प्रतिज्ञा …
Bhagavad Gita 13.12
Hindi Commentary By Swami Ramsukhdas ।।13.12।। व्याख्या -- अध्यात्मज्ञाननित्यत्वम् -- सम्पूर्ण शास्त्रोंका तात्पर्य मनुष्यको परमात्माकी तरफ लगानेमें? परमात्मप्राप्ति …